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बहुत पुराने समय की बात है, एक राजा ने जानबूझकर एक बड़ा सा चट्टान रास्ते के बीचों बीच में रखवा दिया। वहीं वो पास के एक बड़े से झाड़ी में छुप गया। वो ये देखना चाहता था की आख़िर कौन वो चट्टान रास्ते से हटाता है।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की झूठ से विश्वास टूट जाता है – भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है। इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए।
इस सवाल पर, सभी दरबारी हैरान हो गए ! “जहापना! राज्य में कौवे गिनना कैसे संभव है?” एक दरबारी को आश्चर्य हुआ। “यह असंभव है,” दूसरे ने कहा। वे सभी एक दूसरे को देखकर बड़बड़ाए और सिर हिलाया।वहीं पास में बीरबल खड़े थे, उन्हें देखकर अकबर से पूछा website “बीरबल, आपको क्या लगता है?”
हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके लुक्स पर उसका मजाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस चुप रहता था। आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह भी अपने ही रूप से प्रभावित थी।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जो हमारे पास नहीं है उसका कभी तिरस्कार न करें; कुछ भी आसान नहीं आता।
चींटी पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। फिर कबूतर ने ध्यान से पत्ते को बाहर निकाला और जमीन पर रख दिया। इस तरह चींटी की जान बच गई और वह हमेशा कबूतर की ऋणी रही।
एक लड़का था जिसका नाम जॉन था और वो काफ़ी उदास था। उसके पिता को वह रोता हुआ मिला।
इतना सुनते ही शेर बोला क्या मेरे इलाके में दूसरा शेर कौन है जिसे अपनी जान प्यारी नहीं है। क्या तुम मुझे उसके पास ले जा सकते हो। खरगोश बोला जी महाराज मैं ले जा सकता हूँ। और खरगोश ने शेर को उसी कुंआ के पास ले गया। और बोला महाराज इसी कुंआ में वह शेर रहता है। शेर ने तुरंत देखा तो उसे कुंए में उसकी ही परछाई दिखी जिसे वह सचमुच का शेर समझ लिया। और जोर से दहाड़ लगाता है, तो कुंए से उसकी आवाज टकराकर वापस आई तो उसे लगा की वह भी दहाड़ रहा है।
यह अकबर बीरबल की उन लघु नैतिक कहानियों में से एक है, जो बच्चों को जीवन का एक आवश्यक पाठ पढ़ाती है।
तुमने अपनी पत्नी के बहकावे में आक़ार मेरे भरोसे को तोड़ा है। अब हम फिर कभी दोस्त नहीं बन सकते!” बंदर ने अपने दोस्त से कहा।
और पास में रह रहे एक सज्जन व्यक्ति को सारा हाल बताया। उस आदमी ने व्यापारी को एक तरकीब बताई। कहा की एक दिन उस गधे की पीठ पर रुई की बोरियां लाद कर ले जाओ। जैसे ही गधा पानी में बैठेगा रुई में पानी भर जाएगा, जिससे उसका वजन बढ़ जाएगा। और गधा फिर कभी नहीं बैठेगा। व्यापारी ने ऐसा ही किया।
उस रास्ते से बहुत से लोग आने जाने लगे लेकिन किसी ने भी उस चट्टान को हटाना ठीक नहीं समझा। यहाँ तक की राजा के दरबार के ही बहुत से मंत्री और धनी व्यापारी भी उस रास्ते से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उसे हटाना ठीक नहीं समझा। उल्टा उन्होंने राजा को ही इस बाधा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।
भालू ने कहा, जंगल का शेर शिकार पर निकला है – वे खुद को उससे बचाने के लिए भाग रहे हैं। ऐसे में हाथी शेर के पास गया और कहा कि कृपया इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ। कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमेशा अपने कार्यों को बुद्धिमानी से चुनें, इससे आप विषम परिस्तिथि से भी आसानी से बाहर आ सकते हैं।